बुधवार, 16 मार्च 2011

जापान के लोगों के प्रति सहानुभूति और मदद कि अपील

            पिछले कुछ दिनों से जापान और वहां के लोग जिस मुसीबत का सामना कर रहे हैं. वो अत्यंत पीड़ा-दायक और मार्मिक हैं. मेरा और मेरे ब्लॉग के सदस्यों की हमदर्दी और सहानुभूति उनके साथ है. हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि हे! प्रभु आप हर जापानी बंधुओं को इस मुसीबत से बचा लें और उन्हें इस शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्त होने  की अपार शक्ति दें! मैं मानता हूँ कि जो लोग अपनों से हमेशा-हमेशा के लिए बिछड़ गएँ हैं, वो फिर से वापस नहीं आयेंगे. फिर से उन्हें बिछड़ों का साथ प्राप्त नहीं होंगा. उन बच्चों को फिर से वो माता-पिता नहीं मिलेंगें जो उनको छोड़ कर चले गएँ. उन बहनों, माताओं, और महिलाओं को वे अपने नहीं दिखेंगें, जिनके लिए न जाने कितने सपने बुने थे. पर जीवन चलने का नाम हैं जो कभी रुकता नहीं है. इसलिए मेरा सम्पूर्ण जापानियों से आग्रह है कि आप इस परीक्षा की नाजुक घड़ी में पुरे धैर्य और साहस से काम लें. क्योंकि आप तो साहसी और धैर्यवान  रहें हैं. जब आप ऐटम-बम का अकेला मुकाबला कर अपनी वीरता का परिचय दे सकते हैं तो आज तो सारी दुनियां आपके साथ खड़ा हैं.                                                                   
                                                         मैं अपने ब्लॉग और ट्विटर के माध्यम से पुरे धरतीवासियों से सविनय आग्रह करता हूँ कि जापान को शीघ्र-अति-शीघ्र मदद कर वहां के जन-जीवन को सामान्य बनाने में अपना पूर्ण सहयोग करें.
                               please, help them immediately!