मंगलवार, 11 जनवरी 2011

पतंग, मकर संक्रांति 2011

                  जब भी कोई दान या चंदा मांगने जाता है तब नामी और मसहुर हस्तियाँ दान के नाम पर अपनी इस्तेमाल किये हुए वस्तु दे देते हैं. आख़िरकार वे मसहुर हस्ती जो है, उनका तो एक सडा हुआ दांत भी लाखों में नीलाम होगा लेकिन क्या हमारे दांतों की कीमत इतनी है? हमारे पास तो जो भी आएगा, हम तो उसे नकदी ही देंगे. क्या वे लोग इतना भी नहीं देना चाहतें? वे दान के नाम पर अपनी पुरानी चीजों का दाम भी निकाल लेते हैं  और दान का गौरव भी प्राप्त कर लेते हैं. कोई अपना बल्ला दान में देता है तो कोई अपनी ग्लब्स  दान में देता हैं, कोई घड़ी तो कोई कुछ और. क्या इसे दान कहा जा सकता है?  मेरी नज़र में ये कभी दान नहीं हो सकता. ऐसे लोग सिर्फ अपने नाम पर अपना अस्तित्व बेचते हैं. ऐसी ही बातों को अपने परिवारवालों से  कहते-सुनतें मेरे मन में एक हँसी की फुलझड़ी-सी छूटती  है. आज मैं आपके सामने वही फुलझड़ी सुनाती हूँ.


                  कुछ लोग चंदा मांगने मसहुर फिल्म-हस्तियों के पास जाते हैं और चंदा मांगतें  हैं   इस पर वे लोग कुछ इसप्रकार से  कहते हैं -


अमिताब बच्चन - "मैं अपने अंडरवेयर और बनियान नीलाम करूँगा, साथ-ही ऐश्वर्य की बिकनी भी दान कर दूंगा क्योंकि जया तो अब बिकनी पहनती नहीं, चलो कोई बात नहीं उसका पेटीकोट हीं दान कर देता हूँ."


सलमान खान -"मेरा अफेयर टॉप हीरोइनों के साथ रहा है. सभी की बिकनिया मेरे पास है जो यादों के रूप में मेरे पास थी, आज मैं उन्हें भी दान करता हूँ. "


देवानंद- "मेरी जो फिल्में फ्लॉप हो गयी हैं जो शायद सिर्फ मैं ही देखता हूँ, आज में  उन्हें दान में दूंगा."

शाहरुख़ खान -"मैं अपना लाईटर और आधी पी हुयी सिगरेट दान में देता हूँ.  मैं  लड़कियों में बहुत क्रेजी  हूँ इसीलिए लड़कियाँ इसे ज्यादा-से-ज्यादा दामों में खरीदेगी क्योकि वें  इसे अपने होंठो से जरुर लगाना चाहेंगी."


आमिर खान - "मैंने 'मंगल पाण्डेय' फिल्म के समय अपनी मुछों को बड़े प्यार से घी लगाकर बड़ा किया था.  आज मैं अपनी मुछों को दान करता हूँ. इनसे बिछड़ कर बहुत दुःख हो रहा है. आज मुझे बहुत रुलाई आ रही है. मेरा ये महान दान आज इतिहास में अमर होने जा रहा है, इससे मुझे बहुत ख़ुशी भी हो रही  है."


रणबीर कपूर - "मेरा तो कुछ है हीं नहीं मैं क्या दूँ? हाँ! पापा की कुछ चीजें और मम्मी की पुरानी बिकनी, ब्लाउज या पेटीकोट हीं दान में दे दूंगा."    
                       
                    इस फुलझड़ी के माध्यम से मैं उन हस्तियों को दुःख पहुँचाना नहीं चाहती. ये तो मेरी तरफ से एक छोटा-सा हंसी-मजाक था.  मेरी ओर से आपसबों को मकर संक्रांति और लोहड़ी की ढेरों शुभकामनाएं!                                                                               
                                                                                                                    मधु बाला