रविवार, 20 मार्च 2011

HAPPY HOLI

   सभी भारतवासियों, प्रवाशी- भारतीयों  और भारतीय संस्कृति  के प्रति आस्था रखने वाले  विदेशी भाई-बहनों को मेरे एवं मेरे सहयोगियों की ओर से होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई. रंगों का यह महापर्व हमें बड़े, बुजुर्ग, बच्चें तथा स्त्री -पुरुष के भेदभाव को दूर कर एक रंग प्रदान करता है. यह पर्व हम सभी को गुलाल और कृत्रिम रंग में  रंग देता है. जो इस भावना का प्रतीक है की पृथ्वी पर न तो कोई गोरा है न कोई काला, सभी किसी बगीचे के फूल के समान है. जो अलग-अलग रंगों में उपस्थित हो कर प्रकृति की सुन्दरता में चार-चाँद लगाते हैं. यदि पृथ्वी रूपी बगीया में अलग-अलग रंग न होता तो शायद इस पृथ्वी की सुन्दरता वो न होती जो आज है. हमारे देश में होली का पर्व इसी भावना से प्रेरित हो कर मनाया जाता है. होली में जाति निरपेक्षता तथा  धर्मनिरपेक्षता की भावना होती है. शायद होली हीं एक ऐसा पर्व है जो जाति, धर्म, मुल्क  और रंग-भेद से मुक्त हो कर मनाया जाता है. इस दिन न तो कोई राजा होता है और न कोई भिखारी. आज के दिन सभी एक साथ मिल कर रंग खेलते हैं. हर घर के लोग इस पर्व में शामिल हो कर हुर्दंग मचाते  हैं और एक दुसरे को छेड़ते और उनके साथ हंसी-मजाक किया करते हैं. संक्षेप में कहे तो, समाज और मानवता को जोड़ने के साथ-साथ यह पर्व नए -पुराने पीढ़ियों को खुल कर अपनी भावना व्यक्त करने एवं एक-दुसरे को समझने का अवसर देता  है, एक अर्थ में यह पर्व janreshan-gaip की आधुनिक समस्या को दूर करने में भी सार्थक है. इसलिए मैं इस पर्व को विश्व का सबसे बड़ा और महान पर्व मानता हूँ. यदि इस पर्व को पूरी दुनियां मनायें तो शायद रंग-भेद, janreshan-gaip और एक-दुसरे के प्रति नफरत जैसी समस्याएँ स्वयं समाप्त हो जाएगी.  
                         
                                                        आशा है की आज आप भी होली का महापर्व अवश्य celebrate करेंगें परन्तु इस होली की खुशियाँ और कई गुणा होती यदि जापान में प्राकृतिक आपदा न आता. पर प्रकृति के सामने हम सभी लाचार और बेबश हैं और ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि " हे प्रभु ! जो इस दुनियां में नहीं हैं , उनकी आत्मा को शांति दे और वहां के लोगो के जीवन को सामान्य बनाने की कृपा करें. " अंत में  जापान और वहां के नागरिकों के लिए यही कहूँगा " live long japan !"
                                        
                                                  Happy Holi !

बुधवार, 16 मार्च 2011

जापान के लोगों के प्रति सहानुभूति और मदद कि अपील

            पिछले कुछ दिनों से जापान और वहां के लोग जिस मुसीबत का सामना कर रहे हैं. वो अत्यंत पीड़ा-दायक और मार्मिक हैं. मेरा और मेरे ब्लॉग के सदस्यों की हमदर्दी और सहानुभूति उनके साथ है. हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि हे! प्रभु आप हर जापानी बंधुओं को इस मुसीबत से बचा लें और उन्हें इस शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्त होने  की अपार शक्ति दें! मैं मानता हूँ कि जो लोग अपनों से हमेशा-हमेशा के लिए बिछड़ गएँ हैं, वो फिर से वापस नहीं आयेंगे. फिर से उन्हें बिछड़ों का साथ प्राप्त नहीं होंगा. उन बच्चों को फिर से वो माता-पिता नहीं मिलेंगें जो उनको छोड़ कर चले गएँ. उन बहनों, माताओं, और महिलाओं को वे अपने नहीं दिखेंगें, जिनके लिए न जाने कितने सपने बुने थे. पर जीवन चलने का नाम हैं जो कभी रुकता नहीं है. इसलिए मेरा सम्पूर्ण जापानियों से आग्रह है कि आप इस परीक्षा की नाजुक घड़ी में पुरे धैर्य और साहस से काम लें. क्योंकि आप तो साहसी और धैर्यवान  रहें हैं. जब आप ऐटम-बम का अकेला मुकाबला कर अपनी वीरता का परिचय दे सकते हैं तो आज तो सारी दुनियां आपके साथ खड़ा हैं.                                                                   
                                                         मैं अपने ब्लॉग और ट्विटर के माध्यम से पुरे धरतीवासियों से सविनय आग्रह करता हूँ कि जापान को शीघ्र-अति-शीघ्र मदद कर वहां के जन-जीवन को सामान्य बनाने में अपना पूर्ण सहयोग करें.
                               please, help them immediately!